हम जब भी चाँद की ओर देखते हैं, तो यह सोचते हैं कि क्या वहाँ जीवन होगा, वहाँ की सतह कैसी होगी। इन चीजों को जानने के लिए ही वैज्ञानिक चाँद पर जाते हैं। आजकल की तकनीक इतनी उन्नत हो चुकी है कि नासा (NASA) अंतरिक्ष यातायात भेजता है, जिसमें वैज्ञानिक भी शामिल होते हैं। तो क्या आप जानते हैं कि chand per kaun gaya hai, chand par kon kon gaya hai, chand par sabse pahle kon gaya, आदि.
हमने इस आलेख को इसलिए तैयार किया है कि पाठकों के इस प्रश्न के उत्तर को सरल भाषा में प्रस्तुत किया जा सके। आइए, देखते हैं हमारी दुनिया से chand par kon kon gaya, उनके नाम क्या हैं और वे किस देश से हैं। आइए, देखते हैं ‘Chand per kaun gaya hai’।
Chand Per Kaun Gaya Hai
इंसानों ने सबसे पहले 20 जुलाई 1969 को चाँद पर कदम रखा था। चाँद पर पहला कदम नील आर्मस्ट्रांग ने रखा था। नील आर्मस्ट्रांग तब कह रहे थे कि “इंसान का छोटा सा कदम, इंसानियत की लम्बी छलांग”। अपोलो 11 मिशन में 27 इंसानों ने स्पेस में जाकर चाँद का चक्कर लगाया था और 12 लोगों ने चाँद पर कदम रखा था।
चाँद पर जाना आसान नहीं था, यह विज्ञान दुनिया के लिए बहुत बड़ा कदम था। चंद्रमा पर जिन 12 लोगों ने कदम रखे, वे सभी अमेरिकी पुरुष थे, और ये सभी लोग दूसरी बार चंद्रमा नहीं गए हैं। चलिए, इन 12 लोगों के बारे में जानते हैं कि Chand par kon kon gaya tha.
नील आर्मस्ट्रांग – Neil Armstrong

दुनिया के सबसे पहले इंसान जो चाँद पर गए और पहला कदम रखा, उनका नाम नील आर्मस्ट्रांग था। 20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 मिशन के तहत वे गए थे। आर्मस्ट्रांग अपोलो 11 में कमांडर थे, उन्होंने इंजीनियरिंग, नौसेना पायलट और एक विश्वयुद्ध भी नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा था कि पायलट को सही तरीके से उतरने में मजा आता है और बाहर निकलकर चलने में भी गर्व महसूस होता है। चाँद से लौटने के बाद, उन्हें उनके क्रू के साथ कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आर्मस्ट्रांग हमेशा उस मिशन की सफलता का श्रेय नासा की पूरी टीम को देते थे।
बज एल्ड्रिन – Buzz Aldrin
अपोलो के इसी मिशन में एल्ड्रिन भी गए थे, दुनिया में दूसरे व्यक्ति जो नील आर्मस्ट्रांग के बाद कदम रखे, वो बज एल्ड्रिन थे। इससे पहले उन्होंने कोरियाई युद्ध में एयर फोर्स के पायलट के रूप में काम किया था। इनके पास MIT से डॉक्टरेट डिग्री थी। बज एल्ड्रिन ने 1963 में नासा में शामिल होने का निर्णय लिया था और 1971 में उन्होंने नासा से सेवानिवृत्ति ले ली थी.
पीट कॉन्राड – Pete Conrad
पीट कोनराड NASA के अपोलो 12 के चांद्रमौद्युल पायलट थे। वे Gemini V मिशन में पायलट थे और Gemini XI में एक कमांडर बन चुके थे। तीसरे व्यक्ति थे चाँद पर कदन रखने वाले और उन्होंने कहा था के, “यह नीले के लिए छोटा हो सकता है, पर मेरे लिए यह लम्बा था”। नासा से रिटायर होने के बाद, उनकी मौत मोटरसाइकिल एक्सीडेंट में 1999 में हुई थी।

एलन बीन – Alan Bean
एलन बीन अपोलो के एस्ट्रोनॉट थे जो चौथे इंसान बने जिन्होंने चाँद पर कदम रखे। अपोलो 12 मिशन, जो 1969 में हुआ था, उनके मॉड्यूल के पायलट थे। उन्होंने नेवी से रिटायर होने के बाद भी नासा में 1981 तक एस्ट्रोनॉट्स को प्रशिक्षित करने का काम किया। उनकी मौत 2018 में 86 की उम्र में हुई थी।
एलन शेपर्ड – Alan Shepard
एलन शेपर्ड अमेरिका के पहले व्यक्ति थे जो स्पेस में गये थे, 5 मे 1961 को. इनको अप्पोलो मिशन 14 का कोम्मोंदर भी बनाया गया था. इन्होने सबसे अच्छी लूनर module landing की थी, इन्होने module के बाहेर चाँद पर 9 घंटे और 17 मिनिट चाँद के सरफेस पर explore कररहे थे. ज़मीन पर आने के बाद वह नासा से 1974 में रिटायर हुए.
एडगर मिचेल – Edgar Mitchell
इड मिशेल ने नेवी को 1952 में ज्वाइन किया था और टेस्ट पायलट बन गए थे। वह नासा से अपोलो 14 मिशन में मॉड्यूल पायलट के तौर पर चाँद पर गए और वे दुनिया के छठे आदमी बने जो चाँद पर गए थे। जब वे ज़मीन पर आए, तो 1972 में सेवानिवृत्त हो गए और उन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ़ नूक्लियर साइंसेज की स्थापना की।
डेविड स्कॉट – David Scott
डेविड स्कॉट ने एयर फोर्स को 1963 में ज्वाइन किया था, वह नील आर्मस्ट्रांग के साथ Gemini 8 मिशन में उड़े थे। डेविड स्कॉट ने अपोलो 15 में 30 जुलाई 1971 को यात्रा की। यह पहली मिशन थी जिसने पहाड़ियों के करीब लैंडिंग की थी। अपने ‘postage stamp incident’ के लिए वे प्रसिद्ध हो गए थे।
जेम्स इरविन – James Irwin
जेम्स इरविन अप्पोलो 15 मिशन के module पायलट थे. इनके 18.5 घंटों के surface expolration में कई सारे rocks के sample को इखात्ता किया था. एस्ट्रोनॉट्स की मेडिकल कंडीशन यहां ज़मीन से मॉनिटर की अजति है जिससे पता चला था के इरविन में दिल की समस्या के symtoms डेवेलोप हो रहे है. लेकिन उन्हें कुछ नहीं हुआ फिर वो जब ज़मीन पर आये तो उन्हें कुछ महीनों बाद heart attack आया था.

जॉन यंग – John Young
जॉन यंग नासा के इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक सेव करने वाले व्यक्ति थे। वे अपोलो 10 मिशन में चाँद का चल्कर लगाया और अपोलो 16 मिशन में वे चाँद पर गए जो दुनिया के नौवें इंसान बने जो चाँद पर चले गए थे। जॉन यंग ने नासा के लिए बहुत सारे मिशनों में काम किया, जो कि बहुत जरूरी मिशन भी थे, जैसे कि जीमिनी, पहली स्पेस शटल फ्लाइट, स्पेसलैब मॉड्यूल, आदि। उन्होंने नासा में 42 वर्षों तक सेवा की और 2018 में दुनिया को अलविदा कहा।
चार्ल्स ड्यूक – Charles Duke
1972 अप्रैल में चार्ल्स ड्यूक ने अपोलो 16 मिशन के तहत चाँद पर जाने का काम किया था। वे नासा से सेवानिवृत्त होने से पहले US एयर फोर्स में ब्रिगेडियर जनरल की पद तक पहुँच चुके थे।
जैक श्मिट – Jack Schmidt
जैक श्मिथ एक जियोलॉजिस्ट थे, नासा अस्ट्रोनॉट बनने से पहले। वह चाँद पर अपोलो 17 मिशन के तहत गए थे और वहाँ पर कैसे सारे एक्सपेरिमेंट्स किए, सैंपल्स हासिल किए। जैक श्मिथ और सर्नन ने 250 पौंड के मटीरियल को इकट्ठा किया था जिसे वापस लाने के लिए।
जीन सर्नन – Gene Cernan
जीन सर्नन अपोलो 17 मिशन में कमांडर थे, लेकिन इसे किसी को पता नहीं था कि यह उनके अंतिम अपोलो मिशन होगा। जब वे धरती पर लौटे, तो जीन सर्नन ने 1976 में नौसेना और नासा से सेवानिवृत्ति ले ली।
निष्कर्ष – Chand Per Kaun Gaya Hai
आशा है अब आपको पता चल गया होगा कि chand per kaun gaya hai, chand par kon kon gaya hai, chand par sabse pahle kon gaya. Chand par kon kon gaya tha इससे जुड़ा कोई सवाल हो तो कमेंट करें.
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